Diksha Thakur

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jun-2022

बेकरारी 

बेकरारी तो बस दिल की भावना है, 
बेकरारी तो बस दिल के जज़्बत हैं।

रमा का दिल आज बहुत बेकरार है
क्योंकि उसका प्रियतम आज उसको मिलने आ रहा है। 

उसको देखकर उसके मन में बढ़ी इतनी बेकरारी, 
मानो उसकी धड़कने ही रूक गई सारी। 

बेकरारी तो बस दिल की भावना है। 
बेकरारी तो बस दिल के जज़्बत हैं


दीक्षा ठाकुर ✍✍✍

नाॅन स्टाप राइटिंग जैलैंज 2022 प्रतियोगिता हेतू 






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6 Comments

Shrishti pandey

25-Jun-2022 11:07 AM

Nice

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Punam verma

25-Jun-2022 10:40 AM

Nice

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Abhinav ji

25-Jun-2022 07:49 AM

Very nice👍

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